top of page
Search
Writer's pictureruchira nigam

“Celebrating the Eternal Blessings of Amla Tree” - Akshay Navmior IIccha Navmi - 10th November, 2024

Updated: 3 days ago

Blog No : 031124/PIRN Written by - Ms. Anuradha Gupta, Founder & Secretary, Prithvi Innovations


Amla tree, also known as the Indian gooseberry (Phyllanthus emblica), is worshipped on Amla Navami, which falls on the ninth day of the Shukla Paksha (waxing phase of the moon) in the Hindi month of Kartika. In the Gregorian calendar, Amla Navami typically occurs in October or November.


*Reasons for Worship:*


1. *Spiritual Significance:* Amla is considered sacred in Hinduism and is associated with various deities. It is believed that worshipping the Amla tree brings good fortune, health, and well-being.


2. *Health Benefits:* Amla is renowned for its numerous health benefits, including its high vitamin C content and antioxidant properties. It is said to promote longevity and enhance immunity.


3. *Cultural Traditions:* On Amla Navami, devotees perform rituals, including offering prayers, tying threads around the Amla tree, and sometimes even making offerings of Amla fruits. This practice is seen as a way to seek blessings and express gratitude for the health and prosperity they receive.



Overall, Amla Navami is a day of reverence for the Amla tree, celebrating its significance in health, spirituality, and traditional practices.


आंवला पेड़ की पूजा *आंवला नवमी* के दिन की जाती है, जो हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। यह आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर के बीच आता है।


*आंवला पेड़ की पूजा के कारण:*


1. *आध्यात्मिक महत्व:* आंवला हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है और इसे विभिन्न देवताओं से जोड़ा गया है। आंवला पेड़ की पूजा करने से भाग्य, स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।


2. *स्वास्थ्य लाभ:* आंवला अपने कई स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है। इसमें उच्च मात्रा में विटामिन C होता है और यह एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है। इसे दीर्घायु और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए उपयोगी माना जाता है।


3. *सांस्कृतिक परंपराएँ:* आंवला नवमी के दिन भक्त विभिन्न अनुष्ठान करते हैं, जैसे आंवला पेड़ के चारों ओर रिबन बांधना, प्रार्थना करना और आंवला फल का भोग अर्पित करना। इस दिन का उद्देश्य आशीर्वाद प्राप्त करना और जीवन में मिले स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए आभार प्रकट करना होता है।


इस प्रकार, आंवला नवमी आंवला पेड़ के प्रति सम्मान और उसकी स्वास्थ्य, आध्यात्मिकता और पारंपरिक प्रथाओं में महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।

32 views0 comments

コメント


bottom of page