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Cherry Blossoms

Ornamental Trees

Ornamental trees add beauty and charm to landscapes with their vibrant flowers, striking foliage, and unique forms. Beyond aesthetics, they play a crucial role in improving air quality, providing shade, and supporting biodiversity by attracting birds and pollinators. Popular ornamental species like the Jacaranda, Magnolia, and Cherry Blossom enhance garden spaces with seasonal blooms, while some, like the Japanese Maple, showcase brilliant colors year-round. These trees are not only visually appealing but also promote environmental health and well-being in urban areas.

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सावनी (लेगरस्ट्रोमिया इंडिका)

  • सावनी एक सुशोभित वृक्ष है जो दक्षिण-पूर्व एशिया, विशेषकर भारत का मूल निवासी है। 

  • इसके रंग-बिरंगे फूलों की सुंदरता सांस्कृतिक और सजावटी महत्व रखती है। 

  • इसकी पत्तियाँ और छाल पारंपरिक चिकित्सा में उपयोगी हैं। 

  • फूल गुलाबी, सफेद या लाल रंग के होते हैं, और फल छोटे होते हैं।

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 चंपा या फ्रैंगिपानी (प्लुमेरिया प्रजाति)

  • मध्य अमेरिका का मूल निवासी (Native tree) है, लेकिन यह भारत में भी लोकप्रिय है। 

  • इसकी सुगंधित सफेद या पीली फूलों की माला धार्मिक अनुष्ठानों में प्रयोग होती है।

  • इसके पत्ते लंबे, अंडाकार होते हैं। 

  • चंपा के फूल त्वचा रोगों के इलाज में भी उपयोगी माने जाते हैं।

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गुलमोहर (डेलोनिक्स रेजिया)

  • मूल रूप से मेडागास्कर का है लेकिन भारत में व्यापक रूप से उगाया जाता है। 

  • इसकी चमकदार लाल-नारंगी फूलों की सुंदरता सांस्कृतिक महत्व रखती है। 

  • इसकी पत्तियाँ हरी-भरी, फर्न जैसी होती हैं, और फल लंबा, चपटे बीजों से भरा होता है। 

  • यह पेड़ कम पानी में भी जीवित रह सकता है।

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 गुरहल - हिबिस्कस (हिबिस्कस रोजा-सिनेंसिस)

  • भारतीय उपमहाद्वीप का मूल निवासी (Native tree) है। 

  • इसकी रंगीन फूलों के कारण सांस्कृतिक महत्व है। 

  • इसके पत्ते, फूल और बीज पारंपरिक चिकित्सा में उपयोग होते हैं, जैसे त्वचा की बीमारियों और हृदय रोगों के इलाज के लिए। 

  • गुड़हल के फूल बड़े, लाल, गुलाबी या सफेद होते हैं, और इसके फल छोटे, गोल होते हैं।

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मनोकामिनी - ऑरेंज जैस्मीन (मुर्रेया पैनिकुलाटा)

  • दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया का मूल (Native) पौधा है। 

  • भारतीय संस्कृति में इसे धार्मिक अनुष्ठानों में इस्तेमाल किया जाता है। 

  • इसकी पत्तियाँ, फूल, और बीज पारंपरिक औषधियों में उपयोगी होते हैं, जैसे दर्द और सूजन के इलाज में। 

  • यह पौधा अपनी सुगंधित, सफेद फूलों और छोटे, लाल फल के लिए जाना जाता है।

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कनेर (नेरियम ओलियंडर)

  • एक भूमध्यसागरीय मूल (Native) का पौधा है।

  • भारत में सजावटी पौधे के रूप में लोकप्रिय है। 

  • इसके चमकीले फूल धार्मिक अनुष्ठानों में उपयोग होते हैं। 

  • यह विषैला है और इसके पत्ते और फूल पारंपरिक चिकित्सा में सूजन और हृदय रोगों के इलाज के लिए उपयोग किए जाते हैं। 

  • यह पौधा लंबे, संकरी पत्तियों और बेलनाकार फल के लिए जाना जाता है।

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चंदनी (सेस्ट्रम नॉक्टर्नम )

  • भारत का मूल (Native) पौधा है, जिसे रात की रानी भी कहते हैं। 

  • यह पौधा अपनी सुगंधित सफेद फूलों के लिए प्रसिद्ध है, जो रात में खिलते हैं। 

  • इसकी पत्तियाँ और फूल सूजन और नींद की समस्याओं के इलाज में उपयोगी मानी जाती हैं। 

  • यह पौधा सजावटी उद्देश्यों के लिए भी लगाया जाता है।

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डबल चंदनी (टैबर्नीमोंटाना डिवारिकेटा )

  • भारत और दक्षिण एशिया का मूल (Native) पौधा है। 

  • इसकी सुंदर, सफेद, खुशबूदार फूलों को धार्मिक पूजा में उपयोग किया जाता है। 

  • औषधीय रूप से, इसके पत्ते और फूल त्वचा रोगों और बुखार के इलाज में काम आते हैं। 

  • पौधा स्थायी सुंदरता और प्राकृतिक सुगंध के लिए जाना जाता है।

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मौलश्री (मिमुसॉप्स एलेंगी )

  • भारतीय मूल (Native) का वृक्ष है।

  • भारत, श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व एशिया में पाया जाता है। 

  • इसके सुगंधित फूल धार्मिक समारोहों में उपयोग होते हैं। 

  • इसके पत्ते, फूल और फल औषधीय उपयोग में आते हैं, जैसे त्वचा और पेट की समस्याओं के उपचार में। 

  • मौलश्री के फल गोल, छोटे और भूरे रंग के होते हैं।

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बॉटल ब्रश (कैलिस्टेमोन जाति )

  • ऑस्ट्रेलिया का मूल निवासी (Native) है। 

  • भारत और अन्य उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में सजावटी पौधे के रूप में लोकप्रिय है। 

  • इसके चमकदार लाल फूल बॉटल ब्रश के आकार के होते हैं और मधुमक्खियों को आकर्षित करते हैं। 

  • पारंपरिक चिकित्सा में इसका उपयोग त्वचा और श्वसन समस्याओं के इलाज में किया जाता है।

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